आज कल के बच्चे , कैसे गेम खेलते हैं ?
आज कल के बच्चों का जीवन एक अलग राह पे ही चल रहा है और इसका श्रेय कंही न कंही इनके खेल पे निर्भर करता है।
Author :Sanjeev Kr Singh, Last Updated :October 20, 2024
इस भाग दौड़ भरी दुनिया में किसी माँ बाप के पास इतना टाइम ही नहीं है की वो कुछ वक़्त अपने बच्चों के साथ कोई इंडोर या आउटडोर गेम खेलें।
आज के बच्चे पूरी तरह से मोबाइल या लैपटॉप गेमिंग पे हे निर्भर होते जा रहे हैं ,इसका श्रेय माँ पिता के बच्चों के साथ काम की वजह से कम टाइम स्पेंट करना है । सबको एक आजाद जिंदगी चाहिए ,तोह फिर अपने बच्चों को जन्म लेने के साथ ही इस मोबाइल गेमिंग की जंजीरो से क्यू बाँध रहे हैं।
गेमिंग की लत सबसे ज्यादा आपके बच्चों के दिमाग़ पे हावी होता है इसके कुछ लक्षण हैं जैसे की आप के बार - बार बोलने पे भी बच्चों का काम को इग्नोर करना और मोबाइल में चिपके रहना। हर बात पे चिरढ़ जाना और तेज रोना या चिलाना ,अगर इस टाइप के लाइफस्टाइल चलता रहा तो आप कुछ ही सालो में अपने बच्चो के करीब आना भी चाहेंगे तो ये मुश्किल ही नहीं नामुनकिन हो जायगा।
बच्चो को वैसे खेल के लिए प्रेरित करिये जिससे उनका मानसिक विकाश हो और वो अपने जीवन में अच्छे आचरण अपनाये। भले ही आज दुनिया बहुत ही hi - tech हो गयी है इसका मतलब ये कभी नहीं है की बचपन से ही आधुनिक तकनीकों के चीजे ही बच्चे ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करे।
अपने ज़माने के गेम में उन्हे इन्वॉल्व करा के देखिये आपकी सारी शिकायते छू मंतर हो जायगी और आपके बच्चे स्कूल में भी अच्छा परफॉर्म करने लगेंगे।
कुछ गेम जैसे क्रिकेट ,कैरम बोर्ड ,चोर -सिपाही ,चेस ,फुटबॉल आज से ही अपने बच्चों के साथ खेलना शुरू कर दे।
ये मेरे अपने विचार हैं हो सकता है की आपके विचार इससे मेल न खाते हो ,अगर ऐसा किसी बहन या भाई को लगे की ये विचार ठीक नहीं है तोअपने सुझाब हमे जरूर भेजे।
आपके बच्चों का भविष्य आपके ही हातो में ही हैं इसीलिए टाइम निकाल कर उनके साथ जरूर खेले।
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पापा मै आपकी बेटी हूँ ,आप ही की कहलाना है .