पापा मै आपकी बेटी हूँ ,आप ही की कहलाना है .
बाप और बेटी की एक दूसरे के लिए मन की आह
Author :Annu Kumari, Last Updated :October 19, 2024
वह गये थे मेरे अस्क मेरे ही आँखो से ,जब पापा ने बोला, मेरी गुड़िया तु अब बड़ी हो गयी है,
अपने हाथों से तुझे सजाना बाकी है ,हाथ पकड़ कर डोली में बिठाना बाकी है।
अब तो तू किसी और के घर की बेटी है , किस हक़ से तुझे डाट लगा पाउँगा मै,
कैसे सुनुँगा तेरी ही आवाज़ ,चुटकुले के रूप में , अब तो तुम्हे दूसरे घर की बेटी बनाना बाकी है।
आँखों के अश्क ने तो थमना छोड़ दिया था आँखो से....
दुनिया में मै कहीं भी जाऊं , चाहे लाखो चले साथ मेरे ,पर जो मेरे हर सुख दुःख में हसने की वज़ह हैं ,
वो मेरे पापा सिर्फ आप हो,जो मेरे दिल में समाये हो।
कैसे कह दिया आपने की तू किसी और के घर की बेटी है , बेटी ने तो चलना आपकी हाथो को पकड़ सीखा था। आपकी सिखाई गयी हर बात अपने दिल में समाये रखना है , बस एक ही तमना है मेरी, आपकी बेटी हूँ आपकी ही बेटी कहलाना है।
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