भारतीय उद्योगपति सर रतन टाटा जी अब नहीं रहे ,सर रतन टाटा का जीवन 28 दिसंबर 1937 से लेकर 9 अक्टूबर 2024 तक कैसा रहा जानिए पूरी कहानी।
सर टाटा जी का जीवन 28 दिसंबर 1937 से 9 अक्टूबर 2024 तक कैसा रहा।
Author :Kishor Swarnkar, Last Updated :October 12, 2024
सर रतन टाटा जी 1991 से 2012 तक टाटा ग्रुप के चेयरमैन रहे, उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान टाटा कंपनी को विश्व के सबसे उचे अस्तर तक पहुँचाया तथा कई उल्लेखनीय कार्य किये। सर रतन टाटा जी का आवास कोलाबा मुंबई भारत में इस्तिथ है। वे जाती से पारसी थे उन्होंने अपनी शिक्षा कॉर्नेल विश्विद्यालय तथा हॉवर्ड विश्विद्यालय से पूरी की थी। रतन टाटा सर की कुल सम्पति 291 बिलियन अमेरिकी डॉलर थी।
सर रतन टाटा अविवाहित थे , कुछ लोगों का मानना है की अभिनेत्री सिमी गरेवाल से उनका प्रेम प्रसंग चल रहा था जो की एक अधूरा प्रेम रहा। उनके रिस्तेदारो में J.R.D tata उनके चाचा थे तथा सिनोम टाटा उनकी सौतेली माँ थी ,Noel Tata उनके सौतेले भाई थे। सर रतन टाटा जी को भारत सरकार ने 2018 में पद्मभूषण प्रुस्कार से सम्मानित किया था तथा ब्रिटिश सरकार ने उसे 2009 में अवार्ड ऑफ़ ब्रिटिश एम्पायर से सम्मानित किया था। इनके पिता जी का नाम नवल जी टाटा थे जिन्होंने सर रतन टाटा को गोद लिया था।
सर रतन टाटा जी अंतिम संस्कार इलेक्ट्रिक दहन द्वारा हुआ था। माना जाता है सर रतन टाटा के बाद इनके सौतले भाई नोएल टाटा को टाटा ग्रुप का अधक्ष्य बनाया जायगा। सर रतन टाटा जी का सबसे करीबी सहयोगी शांतनु नायडू जी थे। इनका अंतिम संस्कार पारसी विधि द्वारा किया जायगा।
सर रतन टाटा ३० से भी ज्यादा कंपनी में अपना कंट्रोल रखते थे। भारत में अब तक सबसे ज्यादा दान करने वाले उद्योगपति सर रतन टाटा जी हे थे ,कुछ लोगों का कहना है की वे कलयुग के दानवीर कर्ण थे। इनके द्वारा बनाया गया टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल विश्व का सबसे बरदा कैंसर अस्पताल है।