वक्फ बोर्ड बिल पर क्यू हो रहा पूरा देश में बबाल जानीये, पुरी कहानी।
केन्द् सरकार ने लोकसभा मे 1995 मे बनी हुई वक्फ बोर्ड कानून मे सुधार करने को लेकर बील लाया था, जिसमे वक्फ बोर्ड द्वारा कब्जा की गयी, सभी सम्पति के पपेर की जांच करने की मान्ग की गई थी ।
Author :Kishore Swarnkar, Last Updated :October 3, 2024
केन्द् सरकार ने लोकसभा मे 1995 मे बनी हुई वक्फ बोर्ड कानून मे सुधार करने को लेकर बील लाया था, जिसमे वक्फ बोर्ड द्वारा कब्जा की गयी, सभी सम्पति के पपेर की जांच करने की मान्ग की गई थी ।
वक़्फ़् बोर्ड, इस बिल को लाते ही सत्ता पक्ष तथा बीपक्ष् के बीच काफ़ी रस्सा कसी रसा कस्सि और लम्बी बहश चली । कुछ लोगो का कहना है की वक़्फ़् बोर्ड अपने अधिकारियो के बल कई सरकारी ओर निजी सम्पति पे अपना दाबा बताता है, की यह सम्पती वक़्फ़् की सम्पति है , इसको लकेर कई लोगो मे काफ़ि आक्रोश था ।
बीते दीनो सरकार ने इसमे सुधार को लेकेर बिल संसद मे लाया था, इस बिल को लाने क उद्देश्य ये था कि वक़्फ़् बोर्ड द्वारा कब्जा गई, सारी सम्पति के पेपर की जाँच हो तथा वफ़्फ़् बोर्ड अपनी सारी सम्पति को सार्वजनिक रूप से प्रदेर्षित करे ।
वही मुस्लिम पक्ष का कहना है की सरकार इस बिल के माध्यम से वक़्फ़् बोर्ड की ताकत को कमजोर करना चाहती है था वक़्फ़् कि सम्पति को छिनना चाहती है ।
इस देश मे वक़्फ़् बोर्ड काफ़ि लम्बे समय से चलता आ रहा है, दिल्ली के बादशाह ने ,जब इस देश मे राजतन्त्र था, उस समय जमा मस्जिद को एक गाँव और उसके आस पास कि कुछ जमीन दान मे दी थी । ओर फ़िर् जब अन्ग्रेजो का शासन आया तब साल 1923 - 1924 के बीच मुसलमांनो ने इसको वक़्फ़् बोर्ड कानून बनाने क पहला प्रयास किया था, ओर यह कानून 1954 मे नेहरू के शासन काल मे लोकसभा द्वारा इसको वक़्फ़् बोर्ड कानून का नाम दिया गया ।
मुस्लिम पक्षो के अनुसार वक़्फ़् बोर्ड मुसलमांनो द्वारा दान मे दी गई सम्पति पर ही अपना दावा करती है ,तथा कइ लोगो का कहना है की वक़्फ़् बोर्ड बहुत सारी सरकारी व निजि सम्पति पर अपना दावा बतलाती है ।
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